पर मुझमे लिखने की हे शक्ति
में करता लोगो को लफ्जो में बया
पर कोई मुझे ना कर पाया बया
हमने महनत कर लिखी कविता
हँसी मजाक में उसे हर एक लेता
मेरी कलम में हे इतना दम
भाव तुम्हारे भी जगा दू एक दम
इतना बड़ा नही हु में की अच्छा लिखू
बस जो भी लिखू में आप की दुआ से अच्छा लिखू
"छोटी सी मेरी कहानी हे
छोटी सी मेरी निशानी हे
टूट के गिर जाऊँगा में सूखे पेड़ की तरह
अगर थामा ना आपने तो टूट के बिखर जाऊंगा माला की तरह "
मेरा ना व्यक्तित्व हे ना जीवन
मुझसे ज्यादा मेरी कविता का हे जीवन
Posted By - Chandan Rathore